प्रमुख खबरें

नक्सली भारत के संविधान पर विश्वास करें, फिर उनसे किसी भी मंच पर बात की जा सकती हैै : मुख्यमंत्री

  • प्रतापपुर की प्रेसवार्ता में मुख्यमंत्री की घोषणा, प्रतापपुर में एग्रीकल्चर कॉलेज और अपर कलेक्टर लिंक कोर्ट खुलेगा

प्रतापपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि नक्सली भारत के संविधान पर विश्वास करें, फिर उनसे किसी भी मंच पर बात की जा सकती हैै। मुख्यमंत्री प्रतापपुर में आयोजित प्रेसवार्ता में मीडिया कर्मियों के सवालों का जवाब दे रहे थे।

उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में राज्य सरकार की योजनाओं में आदिवासियों का दिल जीता है। अब वहां सड़के बनाने और कैम्प खोलने की मांग लोग कर रहे हैं।

राज्य सरकार की नीति से अब नक्सली एक छोटे से क्षेत्र में सिमट के रह गए हैं। इस अवसर पर नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ.शिवकुमार डहरिया और स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ.प्रेमसाय सिंह टेकाम भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने प्रेसवार्ता में पिछले तीन दिनों में सरगुजा संभाग की तीन विधानसभा क्षेत्रों सीतापुर, रामानुजगंज, प्रतापपुर विधानसभा क्षेत्रों के 9 गांवों के भ्रमण की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने प्रतापपुर में एग्रीकल्चर कॉलेज और अपर कलेक्टर लिंक कोर्ट प्रारंभ करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जिले में अच्छी सड़कों का निर्माण होगा।

इस अवसर पर प्रतापपुर पत्रकार संघ के अध्यक्ष श्री कृष्ण मुरारी शुक्ला सहित पत्रकारों ने पत्रकारों के हित में राज्य शासन द्वारा दिए गए निर्णयों के लिए मुख्यमंत्री का शाल, श्रीफल भेंट कर अभिनंदन किया।

मुख्यमंत्री ने प्रतापपुर में पत्रकार भवन के लिए 10 लाख रूपए की स्वीकृति की घोषणा की। गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा वरिष्ठ मीडिया कर्मी की सम्मान निधि 5 हजार रूपए से बढ़ाकर 10 हजार रूपए कर दी गई है और इसकी पात्रता की आयु सीमा 62 वर्ष से घटाकर 60 वर्ष की गई है।

राज्य सरकार द्वारा पत्रकारों को पत्रकार कल्याण के तहत आर्थिक सहायता की सीमा 50 हजार रूपए से बढ़ाकर 2 लाख रूपए की गई है। इसी तरह नये अधिमान्यता नियम लागू किए गए हैं, जिसमें टी.व्ही. चैनलों, वेबपोर्टल, समाचार पत्रिका और समाचार एजेंसी के पत्रकारों को भी अधिमान्यता देने का प्रावधान किया गया है।

मीडिया संस्थानों के लिए अधिमान्यता कोटा करीब-करीब दो गुना कर दिया गया है। पहली बार विकासखण्ड स्तर के पत्रकारों के लिए भी अधिमान्यता का प्रावधान किया गया है। कोरोना में दिवंगत मीडिया प्रतिनिधियों के परिजनों को 5 लाख रूपए की आर्थिक सहायता का प्रावधान किया गया है। पत्रकारों की अधिमान्यता अवधि एक वर्ष से बढ़ाकर दो वर्ष की गई है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button