हड़ताल से दबाव में सरकार: कर्मचारियों पर कार्रवाई का डर, फेडरेशन में फूट डालने की कोशिश; फेडरेशन संयोजक…
रायपुर। छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार महंगाई भत्ते के लिए कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। 22 अगस्त से हड़ताल की शुरुआत होगी। इससे बचने के लिए पहले तो सरकार की ओर से 6 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाने का ऐलान किया गया, लेकिन जब कर्मचारी 34 प्रतिशत के लिए अड़े रहे तो अब सरकार की ओर से कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई का डर और फेडरेशन में फूट डालने की कोशिश की जा रही है। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने रविवार को दोपहर जिन 98 संगठनों की सूची जारी की थी, उनमें से लिपिक वर्गीय कर्मचारियों का एक संगठन अलग हो गया है। हालांकि फेडरेशन के पास अभी भी 90 से ज्यादा संगठनों का समर्थन है। सोमवार से प्रदेशभर में सरकारी दफ्तरों के साथ-साथ कोर्ट में भी कामकाज प्रभावित होगा। फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने कहा कि राज्य के कर्मचारी अपनी जायज मांगों को लेकर पिछले तीन चरणों से आंदोलनरत हैं। इसके बावजूद फेडरेशन की मांगों का निराकरण नहीं किया जा रहा है।
केंद्र सरकार के समान देय तिथि से 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता, एरियर्स और सातवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ते की मांग पर राज्य के पांच लाख कर्मचारियों ने 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान किया था। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले 98 संगठनों ने एक साथ हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया था। इससे सभी तरह के सरकारी कामकाज ठप हो जाते। यहां तक कि अधिकारियों के ड्राइवर और दफ्तर में पानी पिलाने के लिए भी कर्मचारी नहीं मिलते।
रविवार को दोपहर बाद अचानक सरकारी मशीनरी एक्टिव हुई। सबसे पहले यह खबर आई कि सरकार हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। उनके खिलाफ एस्मा लगाने की तैयारी है। हालांकि, साथ-साथ कलेक्टर एसपी को यह निर्देश भी दिए गए कि वे संविदा व रिटायर्ड कर्मचारियों की मदद से प्रशासनिक कामकाज चलाएं। इसके बाद सामान्य प्रशासन विभााग की ओर से एक पत्र जारी हुआ कि जो कर्मचारी हड़ताल पर नहीं जाना चाहते, उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाए। इसके बाद शाम को एक और खबर आई कि छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ ने हड़ताल पर जाने का फैसला वापस ले लिया है। सीएम भूपेश बघेल के साथ अध्यक्ष रोहित तिवारी व प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात के बाद यह बात सामने आई। हालांकि लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारियों का दो गुट है। इसमें संजय सिंह का गुट अभी भी हड़ताल में है।
इन कर्मचारी संगठनों का समर्थन
छत्तीसगढ़ प्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ, छग डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन, छग तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ, छग कर्मचारी कांग्रेस, छग शासकीय वाहन चालक यांत्रिकी कर्मचारी संघ, छग शासकीय लघु वेतन कर्मचारी संघ, छग राज्य कर्मचारी संघ, छग अपाक्स, छग शिक्षक संघ, छग प्रदेश शिक्षक फेडरेशन, छग लघु वेतन शासकीय चतुर्थ वर्ग कर्मचारी संघ, छग सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी संघ, छग प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ, छग वन कर्मचारी संघ, छग लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ, छग अजा जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ (अजाक्स), छग प्रदेश शिक्षक संघ, छग स्वास्थ्य एवं बहुद्देशीय कर्मचारी संघ, छग अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ, छग राजस्व निरीक्षक संघ, छग न्यायिक कर्मचारी संघ, छग राजस्व पटवारी संघ, छग संचालयीन शासकीय कर्मचारी संघ, छग व्याख्याता संघ, छग शासकीय संयुक्त कर्मचारी संघ, नियमित व्याख्याता संघ छत्तीसगढ़, छत्तीसगढ़ अंशदायी पेंशन कर्मचारी कल्याण संघ, छग महिला एवं बाल विकास विभाग पर्यवेक्षक कल्याण संघ, संचालनालयीन विभागाध्यक्ष राजपत्रित अधिकारी संघ, छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य संयोजक संघ, छग परिचारिका संघ, छत्तीसगढ़ ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी संघ, छग तकनीकी कर्मचारी संघ, छत्तीसगढ़ पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ राजपत्रित अधिकारी संघ, शालेय प्रधान पाठक शिक्षक संघ छत्तीसगढ़, कर्मचारी कल्याण संघ इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय केंद्रीय परिषद, छग अनियमित संयुक्त कर्मचारी संघ, छग अनियमित कर्मचारी संघ, वरिष्ठ शिक्षाकर्मी संघ छत्तीसगढ़, छग क्रांतिकारी एलबी संघ, छग औद्योगिक प्रशिक्षण कर्मचारी अधिकारी कल्याण संघ, छत्तीसगढ़ आरएमए एसोसिएशन आदि अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं।
इसी तरह छग इंजीनियरिंग एवं पॉलीटेक्निक राजपत्रित अधिकारी संघ, छत्तीसगढ़ राज्य कृषि विकास अधिकारी संघ, छत्तीसगढ़ कोषालयीन कर्मचारी अधिकारी महासंघ, छग सहायक विकास विस्तार अधिकारी विकास विस्तार अधिकारी संघ, छग राज्य नगरीय प्रशासनिक सेवा संघ, छग प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ, छग सहायक शिक्षक फेडरेशन, छग शारीरिक शिक्षा शिक्षक संघ, छग राज्य अभियोजन अधिकारी संघ, छग पंजीयक एवं मुद्रांक अधिकारी कर्मचारी संघ, छग राज्य उपभोक्ता निकाय प्रतितोषण आयोग कर्मचारी संघ, प्रदेश ग्राम पंचायत सचिव संघ, छग नगरीय निकाय कर्मचारी महासंघ, पं. रविशंकर विवि कर्मचारी संघ, छत्तीसगढ़ शिक्षक महाफेडरेशन, छग वरिष्ठ व्याख्याता संघ, छत्तीसगढ़ शिक्षक महासंघ, छग प्रदेश शासकीय कम्प्यूटर डाटा एंट्री ऑपरेटर कर्मचारी संघ, छग फॉरेस्ट डिपार्टमेंट स्टेनोग्राफर संघ, छग अधीनस्थ लेखा संवर्ग अधिकारी संघ, राज्य अभियोजन कर्मचारी संघ, छग वन राजपत्रित अधिकारी संघ, छग सूचना प्रौद्योगिकी कर्मचारी अधिकारी संघ, छग तकनीकी कर्मचारी संघ (आईटीआई), छत्तीसगढ़ शिक्षाकर्मी महासंघ, छग वन लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ, आदिम जाति कल्याण विभाग कर्मचारी संघ, छग नेत्र सहायक अधिकारी एसोसिएशन, छग प्रदेश शिक्षक कल्याण संघ, छग रोजगार अधिकारी संघ, छग कॉमर्शियल टैक्स ऑफिसर्स एसोसिएशन, छग निगम मंडल कर्मचारी संघ, छग शासकीय महाविद्यालयीन प्राध्यापक एवं अधिकारी संघ, छग फॉरेस्ट रेंजर्स एसोसिएशन, नर्सिंग ऑफिसर्स एसोसिएशन, छग सर्व शिक्षक कल्याण संघ, छग शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन, शालेय शिक्षक प्रधानपाठक संघ, छग कृषि स्नातक शासकीय कृषि अधिकारी संघ, परियोजना अधिकारी कल्याण संघ, छग प्रदेश शासकीय अर्ध शासकीय वाहन चालक एवं यांत्रिकी कर्मचारी संघ, छग आयुर्वेद अधिकारी संघ, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी संघ, छग कुष्ठ सेवा कर्मचारी संघ, छग आयुष कर्मचारी विकास संघ, छग जिला जनपद पंचायत कर्मचारी संघ, छग न्यायिक लघु वेतन कर्मचारी संघ, छग कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ, स्वायत्तशासी कर्मचारी महासंघ, छग छात्रावास अधीक्षक कल्याण संघ, प्रदेश शिक्षक सेवी कल्याण संघ, वरिष्ठ व्याख्याता मोर्चा, छत्तीसगढ़ प्रधानपाठक कल्याण संघ भी हड़ताल पर रहेगा।