बस्तर की महिलाओं ने सरकार के इस योजना की तारीफ की, मुख्यमंत्री से कहा- आपके सरकार की यह सबसे अच्छी योजना
रायपुर। मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना शासन की सबसे अच्छी योजना है। वनांचल व दूरदराज के इलाकों के ग्रामीणों को इसका सबसे अधिक लाभ मिल रहा है। मुख्यमंत्री से भेंट-मुलाकात करने पहुंची टाकरागुड़ा की एक महिला ने यह कहते हुए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।
मुख्यमंत्री के पूछने पर महिला ने बताया कि 12 प्रकार के बीमारियों की जांच हाट-बाजार में लगने वाले क्लिनिक में हो रही है। ऐसा लगता है मानों अस्पताल घर के सामने आ गया है। बाजार के दिन 10 बजे से ही क्लिनिक लग जाता है जो शाम को 5 बजे तक चलता है।
भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में महिलाओं ने मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना की सराहना करते हुए कहा कि इससे उन्हें अब सहज रूप से स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होने लगी है। ग्रामीणों विशेषकर बुजुर्गों ने भी मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना को सुदूर वनांचल के लोगों के लिए सरकार की ओर से एक उपहार बताया और कहा कि अब ईलाज के लिए नीम-हकीमों और बैगा-गुनिया के पास जाने की जरूरत नहीं रह गई है। हाट बाजार क्लिनिक में जाकर लोगों को अपना चेकअप कराने के साथ ही निःशुल्क उपचार व दवाएं मिलने लगी है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर राज्य के सुदूर ग्रामीण एवं दुर्गम क्षेत्रों में लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से 2 अक्टूबर 2019 से राज्य में शुरू की गई। इसके तहत ग्रामीण अंचल में लगने वाले हाट बाजारों में चिकित्सकों, नर्सिग, पैरामेडिकल की मोबाइल टीम स्वास्थ्य कैम्प लगाकर वहां आए मरीजों का परीक्षण एवं उपचार करने के साथ ही दवाएं भी उपलब्ध कराती है।
राज्य के हाट बाजारों में अब तक 79,859 स्वास्थ्य शिविर आयोजित हो चुके हैं। जिसके माध्यम से 30 लाख 23 हजार से अधिक मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करायी गई है। हाट बाजार क्लिनिक योजना शुरू होने से राज्य के ग्रामीण एवं वनांचल में महिलाओं एवं बच्चों के पोषण स्तर निरंतर निगरानी सुनिश्चित होने के साथ ही मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आयी है।
मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक से बस्तर अंचल में मलेरिया उन्मूलन अभियान में काफी मदद मिली है। हाट बाजार क्लिनिक के माध्यम से अब तक 2.50 लाख से अधिक लोगों की मलेरिया जांच, 5.18 लाख से अधिक लोगों की मधुमेह जांच, 39,901 लोगों की उच्च रक्तचाप की जांच 19,352 लोगों की एचआईव्ही जांच, 2.75 लाख लोगों की एनिमिया जांच, एक लाख से अधिक लोगों के नेत्र विकार की जांच, 26 हजार लोगों की टीबी जांच तथा 52 हजार से अधिक गर्भवती महिलओं की एएनसी जांच की गई। इसके अलावा अन्य बीमारियों की जांच एवं उपचार से लाखों लोग लाभान्वित हुए हैं।