झीरम से किसे डर: नेता प्रतिपक्ष ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नए आयोग की वैधानिकता पर सवाल उठाए तो कांग्रेस ने कहा- आप क्यों डरते हैं सच्चाई से, कौशिक का पलटवार- फिर मिश्रा आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक करें
- जस्टिस प्रशांत मिश्रा आयोग ने अपनी रिपोर्ट राज्यपाल अनुसुइया उइके को सौंपी थी, जिसके बाद राज्य सरकार ने नए आयोग का गठन किया
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति में भूचाल लाने वाले झीरम हत्याकांड का जिन्न फिर बाहर आ गया है। अबकी बार झीरम कांड की जांच के लिए नए न्यायिक जांच आयोग की वैधानिकता को लेकर राजनीति गरमाई है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई है, जिसमें उन्होंने जस्टिस प्रशांत मिश्रा आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की है। इस पर शनिवार को कांग्रेस सरकार के मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने प्रेस कांफ्रेंस कर भाजपा से सवाल पूछा कि उन्हें झीरम मामले की सच्चाई बाहर आने से क्यों डर लगता है?
इसके बाद नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने भी यही बात दोहराई कि आपको किस बात का डर है, जो जस्टिस मिश्रा आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के बजाय नए आयोग का गठन कर दिया। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने भी कहा है कि झीरम मामले की सच्चाई से छत्तीसगढ़ का बच्चा-बच्चा वाकिफ है। हाईकोर्ट में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
क्या कहा है शिव डहरिया ने: डॉ. शिव डहरिया ने कहा है, झीरम घाटी कांड ऐसा कांड था, जिसने कांग्रेस की एक पूरी पीढ़ी को ही समाप्त कर दिया था। स्वतंत्र भारत में हुई दुर्दान्त और हृदय विदारक घटना भारतीय जनता पार्टी के शासन काल में डॉ. रमन सिंह के राज में घटित हुई थी।
ये बात अब भारत के इतिहास से कभी मिटने नहीं वाली है। जैसे ही झीरम घाटी कांड की जांच की बात आती है, पता नहीं भाजपा के बड़े-बड़े नेताओं के पेट में दर्द होने लगता है। किसी न किसी प्रकार से वे इसकी जांच को बाधित करने में जुट जाते हैं।
कभी बयानबाजी करते हैं, कभी आंदोलन करते हैं। कभी कोर्ट की शरण में जाते हैं, पीआईएल दायर करते हैं। यानी किसी भी प्रकार से भाजपा झीरम घाटी की सम्यक जांच को होने ही नहीं देना चाहती है। भाजपा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक क्या इस बात से डरते हैं कि झीरम घाटी कांड की जांच से ऐसा कोई सच निकल कर आ जाएगा जिससे तत्कालीन भाजपा सरकार के किसी कुत्सित चेहरे पर से नकाब उठा जाएगा?
कौशिक ने जवाब में यह बोला: नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि मंत्री डॉ. शिव डहरिया का बयान बेहद ही हास्यास्पद है। भारतीय जनता पार्टी जब कोर्ट के शरण में गई है तो कांग्रेस को भय क्यों होता है? इस जांच को लेकर पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा जस्टिस मिश्रा जांच आयोग बनाया गया, जिसमें जांच आयोग ने सभी तथ्यों की जांच और उसका प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
प्रतिवेदन प्रस्तुत होने के बाद इसका परीक्षण होना था और जनता के सामने इसकी सच्चाई आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार आखिर नया आयोग क्यों बनाना चाहती है? मंत्री का कहना है कि जांच रिपोर्ट अधूरी है तो क्या प्रदेश सरकार ने इस प्रतिवेदन को खोलकर देखा है? क्या इस जांच प्रतिवेदन को खोलकर पढ़ा गया है?
क्या विधानसभा के पटल पर इसको रखा गया और उसको रखने के बाद उसका परीक्षण किया गया? आखिर किस आधार पर मंत्री द्वारा कहा गया कि जांच रिपोर्ट अधूरी है और इसकी और जांच की आवश्यकता है।