क्या कोविड-19 से भी ज़्यादा घातक साबित होगी ‘डिज़ीज़-X’?
Disease X: साल 2019 में चीन से शुरू हुआ संक्रमण कोरोना वायरस कुछ ही महीनों में दुनियाभर में फैल गया और महामारी का रूप ले लिया। इस ख़तरनाक संक्रमण की चपेट में पूरी दुनिया आई और अब भी इससे जूझ रहे हैं। लगभग एक साल बाद कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार हो गई है और अब लोग इसे लगवाने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं, ताकि धीरे-धीरे अपनी ज़िंदगी को वापस पटरी पर लाया जा सके। हालांकि, अभी कोरोना को लेकर कुछ राहत मिली ही थी कि अब इससे भी तेज़ी से फैलने वाले एक वायरस का पता चला है।
अफ्रीकी वायरस इबोला का पता लगाने वाले वैज्ञानिक जीन-जाक मुएंबे टैमफम ने चेतावनी जारी करते हुए बताया है कि अभी डिज़ीज़ एक्स (Disease X) कोविड-19 से ज़्यादा ख़तरनाक और तेज़ी से फैल सकता है। आपको बता दें कि डॉक्टर जीन जाक मुएंबे टैमफम ने साल 1976 में इबोला वायरस का पता लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका थी।
क्या है डिज़ीज़-एक्स?
कोविड-19 के दो वैरिएंट यानी रूपों ने दुनिया को हिला कर रख दिया है और इसकी वजह से संक्रमण के मामले बढ़े भी हैं। वहीं, डिज़ीज़-एक्स के बारे में भी पूर्वानुमान लगाए जा रहे हैं, जहां ‘X’ का मतलब है अप्रत्याशित। WHO ने इस संक्रमण को अब तक काल्पनिक बताया है, जो भविष्य में महामारी का कारण बन सकता है।
इस वक्त कहा जा रहा है कि मनुष्यों को ‘डिज़ीज़-x’ बड़े पैमाने पर प्रभावित कर सकती हैं, यानी ख़तरा बड़ा है। इस संक्रमण को इबोला वायरस जितना घातक, कोविड-19 जितना तेज़ी से फैलने वाला बताया जा रहा है और संभवतः आने वाले दिनों में एक और महामारी का रूप भी ले सकता है।
अज्ञात बीमारियों के बारे में चेतावनी देते हुए प्रो. टैमफम ने कहा कि अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय जंगलों से आने वाले नए वायरस तेज़ी से फैल सकते हैं और मानवता के लिए ख़तरा साबित हो सकते हैं। हम अब एक ऐसी दुनिया में रह रहे हैं जहां रोगजनक निकल कर आएंगे, जो मानवता के लिए सबसे बड़ा ख़तरा है।
इस महिला की पहचान इंगेंदे के रूप में हुई, जिसका इबोला सबित कई बीमारियों के लिए परीक्षण किया गया था, लेकिन वे सभी परिणाम न
कारात्मक आए। जिसके बाद ये आशंका जताई जा रही है कि उसकी बीमारी तथाकथित ‘डिज़ीज़ एक्स’ के कारण हुई होगी। डॉक्टरों का मानना है कि हम सभी को इस वक्त इस नई बीमारी से डरना ही चाहिए, क्योंकि इबोला और कोविड-19 के बारे में भी इससे पहले जानकारी नहीं थी।
वहीं, मुएम्बे ने चेतावनी देते हुए कहा कि आने वाले समय में कई ज़ूनोटिक बीमारियां फैल सकती हैं, जो जानवरों से इंसानों में आई हैं। पीला बुखार, रेबीज़, ब्रूसेलोसिस और लाइम बीमारी जैसी ज़ूनोटिक बीमारियां जानवरों से इंसानों में आई और कुछ देशों या दुनियाभर में महामारी का रूप ले लिया। वहीं, ख़तरनाक HIV एक तरह के चिंपानज़ी से उभरा और फिर म्यूटेट होकर जानलेवा बन गया। SARS और MERS के साथ SARS-CoV-2 सभी कोरोना वायरस हैं, जो अचानक जानवरों से इंसानों में फैलना शुरू हो गए।