Jharkhand Assembly Elections: विधानसभा चुनाव नहीं लड़ पाएगा गैंगस्टर अमन, हाईकोर्ट ने नहीं दी मंजूरी
Newskart। छत्तीसगढ़ के कारोबारियों से रंगदारी वसूलने गोलीबारी करवाने वाला गैंगस्टर अमन साव विधानसभा चुनाव नहीं लड़ पाएगा। अमन की चुनाव लड़ने और नामांकन दाखिल करने के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दी थी। कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी है। झारखंड हाईकोर्ट ने भी उसके खिलाफ तल्ख टिप्पणी की है। अमन को अभी रायपुर की जेल में ही रहना पड़ेगा।
झारखंड में आने वाले कुछ दिनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। अमन ने जेल में रहते हुए वहां चुनाव लड़ने की योजना बनाई थी। इसके लिए उसके अधिवक्ता हेमंत कुमार झारखंड से नामांकन फार्म लेकर रायपुर पहुंचे थे। अमन बड़कागांव विधानसभा से चुनाव लड़ना चाहता था। उसके अधिवक्ता ने रायपुर कोर्ट में नामांकन फार्म पेश किया। यहां की कोर्ट ने उन्हें हाईकोर्ट से अनुमति लेने के निर्देश दिए।
सोमवार को अमन के अधिवक्ता ने बिलासपुर हाईकोर्ट में चुनाव लड़ने को लेकर अर्जी दायर कर अनुमति मांगी। इस पर बुधवार को सुनवाई हुई। सरकारी अधिवक्ता ने अमन की अर्जी का विरोध किया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने अमन की अर्जी खारिज कर दी है।
तेलीबांधा गोलीकांड को नकार रहा अमन
तेलीबांधा स्थित पीआरए दफ्तर के बाहर गोलीकांड के बारे में पुलिस पिछले दो दिनों से गैंगस्टर अमन साव से पूछताछ कर रही है। अमन ने अधिकारियों को बयान दिया है कि उसने यहां गोलीबारी के लिए शूटर नहीं भेजा था। उसके लिए काम करने वाले मयंक सिंह ने सुपारी दी थी।
मयंक विदेश में बैठकर उसका गैंग ऑपरेट कर रहा है। लगातार रायपुर में असफलता के बाद उसने हरियाणा के शूटर को सुपारी दी। उसके बाद हरियाणा के शूटरों ने जुलाई में यहां आकर तेलीबांधा में गोली चलाई। उसके बाद भाग गए है। बाद में मयंक ने पूरी घटना की जानकारी देते हुए घटना की जिम्मेदारी ली। हालांकि अमन का कहना है कि मयंक सिंह जो सुपारी लेता है, उसमें हमेशा उसकी सहमति रहती है। क्योंकि जेल में कई बार मयंक संपर्क नहीं कर पाता है।
मोबाइल उसके पास नहीं रहता
हमेशा मोबाइल उसके पास नहीं रहता है। इसलिए वह खुद फैसला लेता है। तेलीबांधा गोलीकांड के बारे में उसे कुछ भी पता नहीं है, हालांकि पकड़े गए शूटरों ने बयान दिया था कि वे अमन साव के लिए काम करते हैं। तेलीबांधा पुलिस अमन से 25 अक्टूबर तक पूछताछ करेगी।
हवाला के माध्यम से जाता है रंगदारी का पैसा
अमन ने बताया कि रंगदारी से जो पैसा आता है। वह हवाला के माध्यम से विदेश जाता है। पैसा गैंग के सदस्यों में बंट जाता है। इसके अलावा कानूनी लड़ाई और वकीलों के लिए अलग से पैसों को रखा जाता है। झारखंड में उनकी एक लीगल टीम भी है। देश में कहीं भी केस दर्ज होने पर उनके वकील जाकर कोर्ट में खड़े होते हैं या फिर स्थानीय वकील से संपर्क करते है। गैंग में सबका काम बंटा हुआ है। गैंग में 150 से ज्यादा शूटर है, जो अलग-अलग राज्यों में काम कर रहे है।