नारायण नेता प्रतिपक्ष: प्रदेश अध्यक्ष के बाद भाजपा ने नेता प्रतिपक्ष भी बदला… ऐसे आगे आया चंदेल का नाम
रायपुर। छत्तीसगढ़ भाजपा ने विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर प्रदेश अध्यक्ष के बाद नेता प्रतिपक्ष भी बदल दिया है। जांजगीर चांपा सीट से विधायक नारायण चंदेल नए नेता प्रतिपक्ष बनाए गए हैं। राष्ट्रीय महासचिव और छत्तीसगढ़ प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी ने विधायक दल की बैठक में चंदेल के नाम का ऐलान किया। इस बैठक में सभी विधायकों के साथ क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल और सह प्रभारी नितिन नबीन भी मौजूद थे।
यह पहला मौका है जब नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष दोनों ही एक ही संभाग से हैं। हाल ही में प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए अरुण साव बिलासपुर से सांसद हैं। दोनों पदों पर नई नियुक्ति को भाजपा की बड़ी रणनीति के तहत देखा जा रहा है। दोनों ही ओबीसी नेता हैं। साहू समाज छत्तीसगढ़ की करीब 20 सीटों पर निर्णायक स्थिति में है, जबकि कुर्मी समाज का प्रभाव 12-15 सीटों पर है। यही वजह है कि भाजपा ने जहां साहू वोटरों को रिझाने के लिए अरुण साव को अध्यक्ष की कमान सौंपी है, वहीं कुर्मी समाज से चंदेल को मौका दिया गया है। वैसे निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक भी कुर्मी समाज के नेता हैं, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष एक ही जिले से होने के कारण नए चेहरे के रूप में चंदेल को मौका दिया गया है।
राज्यपाल बैस के भांजा दामाद…
चंदेल तीसरी बार के विधायक हैं। पहली बार 98 में विधायक चुने गए। इसके बाद 2008 और अब 2018 में विधायक हैं। 2008 में जब विधायक बने, तब उन्हें डिप्टी स्पीकर बनाया गया था। 56 साल के चंदेल मूलतः किसान हैं। वे झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस के भांजा दामाद भी हैं। ऐसी चर्चा है कि चंदेल को नेता प्रतिपक्ष बनाने के लिए बैस भी लगे थे। दिल्ली में जब प्रदेश अध्यक्ष बदलने के लिए बातचीत चल रही थी, तब चंदेल भी वहां थे। उनका नाम तय करने के बाद कौशिक को दिल्ली बुलाया गया और चंदेल को नया नेता प्रतिपक्ष बनाने की जानकारी दी गई।
बृजमोहन चुनाव संचालक बनेंगे…
नेता प्रतिपक्ष के लिए अजय चंद्राकर और बृजमोहन अग्रवाल का भी नाम था। दोनों ही संसदीय नियमों के ज्ञाता हैं। हालांकि राज्य सरकार के खिलाफ मुखर चंद्राकर को पार्टी ने मुख्य प्रवक्ता बनाया, जबकि बृजमोहन अग्रवाल को चुनाव अभियान समिति का संचालक बनाया जा सकता है। इससे पहले भी बृजमोहन चुनाव संचालन कर चुके हैं। वे घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष भी रहे हैं।