ग्रामीण औद्योगिक पार्क के माध्यम से गांधी जी का सुराज का सपना छत्तीसगढ़ में हो रहा साकार
रायपुर। गांधी जी के सुराज का सपना था आत्मनिर्भर और तेजी से बढ़ती ग्रामीण औद्योगिक ईकाई। कांकेर जिले के पहले ग्रामीण औद्योगिक पार्क, गांधी ग्राम कुलगांव को देखकर महसूस हो रहा है कि हम गांधी जी के सपनों को पूरा करने की दिशा में सफल हो रहे हैं।
यह बात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गांधी ग्राम कुलगांव के लोकार्पण के अवसर पर कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों को हमने रोजगार ठौर के रूप में विकसित करने के निर्देश दिये थे ताकि बड़ी ग्रामीण आबादी को विभिन्न रोजगारमूलक गतिविधियों से जोड़ा जा सके।
यह काम कितना उपयोगी हो सकता है और इससे लोगों के लिए किस बड़े पैमाने पर आर्थिक अवसर पैदा किये जा सकते हैं गांधी ग्राम कुलगांव इसका सुंदर उदाहरण है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी की प्रतिमा का माल्यार्पण करने के बाद केंद्र का निरीक्षण किया।
उन्होंने ढेंकी से चावल निकाला। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारी सुंदर परंपरा है और इससे धान की गुणवत्ता भी सुरक्षित रहती है। उन्होंने विभिन्न स्वसहायता समूहों द्वारा की जा रही रोजगारमूलक गतिविधियों का निरीक्षण किया।
इस मौके पर विधानसभा उपाध्यक्ष ज मंडावी, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया, संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी, मुख्यमंत्री के सलाहकार राजेश तिवारी एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
लोन माफ करने के निर्णय से खुशी से भर गई समूह की महिलाएं: गांधी ग्राम ग्रामीण औद्योगिक पार्क के लिए वन विभाग ने इंदिरा वन मितान समूह कुलगांव को 50 लाख रुपए का लोन चक्रीय निधि से दिया था। जब मुख्यमंत्री ने पार्क देखा और अद्भुत कल्पनाशीलता के साथ हो रहा कार्य देखा तो बड़े खुश हुए और समूह का 50 लाख रुपए का ऋण माफ करने की घोषणा की। घोषणा होते ही समूह की महिलाएं खुशी से भर गईं और उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया।