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इंडिया ओपन: पुरुष एकल फाइनल में विश्व चैंपियन लोह का सामना करेंगे लक्ष्य सेन

  • तीसरी वरीयता प्राप्त सेन ने सेमीफाइनल में मलेशिया के त्जे योंग एनजी से पहले गेम हारने के बाद शानदार वापसी कर जीत हासिल की

नई दिल्ली। बीते साल दिसंबर में स्पेन में आयोजित विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाले भारत के युवा शटलर लक्ष्य सेन ने शनिवार को इंडिया ओपन 2022 के सेमीफाइनल में मलेशिया के त्जे योंग एनजी को 19-21, 21-16, 21-12 से हरा दिया।

योंग के खिलाफ कड़ी मेहनत के बाद एक घंट सात मिनट में मिली जीत ने योनेक्स सनराइज इंडिया ओपन में डेब्यू करते हुए सेन के लिए फाइनल का टिकट दिलाया और साथ ही बीडब्ल्यू टूर में सुपर 500 या उससे ऊपर का भी पहला फाइनल खेलने का मौका दिया।

अब रविवार को होने वाले फाइनल में लक्ष्य सेन का सामना विश्व चैंपियन लोह कीन यू से होगा। कनाडा के ब्रायन यांग के गले में खराश और सिरदर्द के कारण मुकाबले से बाहर होने के बाद सिंगापुर निवासी लोह को सेमीफाइनल में वाकओवर मिला।

तीसरी वरीयता प्राप्त सेन दुनिया के 60 वें नंबर के खिलाड़ी योंग के खिलाफ जीत के प्रबल दावेदार थे, लेकिन अगर वह आसान मुकाबले की उम्मीद कर रहे थे तो वह गलत थे क्योंकि मलेशियाई खिलाड़ी अलग ही मूड में था। दोनों खिलाड़ियों ने तेज गति वाली रैलियों के साथ मैच की शुरुआत की और नियमित अंतराल पर आगे-पीछे होते रहे।

सेन ने एक समय 14-10 की बढ़त ले रखी थी लेकिन फिर सिलसिलेवार गलतियों के कारण उन्होंने योंग को वापसी का मौका दिया। मलेशियाई ने बढ़त हासिल करने के लिए लगातार सात अंक जीते। लक्ष्य ने स्कोर 17-17 करने में सफल रहे लेकिन पहले गेम उनके हाथ से निकल गया।

योंग ने उसी गति के साथ दूसरा गेम शुरू किया और 4-1 की बढ़त बना ली। इसके बाद हालांकि सेन के ठोस बचाव से खुद को मुश्किल से निकाला और अगले शाट पर विनर हासिल किया। यहां से भारतीय खिलाड़ी को आवश्यक आत्म-विश्वास मिला और वह खुद को और भी अधिक मैच में झोंकने लगे।

20 वर्षीय सेन ने चीजों को मिक्स करना शुरू कर दिया। अपने क्रॉस-कोर्ट स्मैश के साथ विनर्स हिट करने के अवसर के लिए कोर्ट को खोलने के लिए सॉफ्ट ड्रॉप खेलना शुरू कर दिया। योंग ने मिड गेम इंटरवल तक भारतीय के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए मेहनत की लेकिन सेन उसके बाद पूरी तरह नियंत्रण में दिखे और इस तरह उन्होंने यह गेम जीतकर मैच को निर्णायक गेम में धकेल दिया।

सेन अपने हाथ से यह मौका निकलने नहीं देना चाहते थे। इसका कारण यह था कि अब योंग कोर्ट पर असहज महसूस कर रहे थे। मलेशियाई खिलाड़ी ने रैलियों को लम्बा खींचने का प्रयास किया और शटर को गेम में बनाए रखने का प्रयास किया लेकिन उनके लिए सेन को विनर्स लगाने से रोक पाना सम्भव नहीं था।

ऐसे में जब लगा कि योंग थके हुए महसूस कर रहे हैं तो सेन ने लगातार कई अंक लेकर मैच अपने नाम किया और अपने करियर के पहले सुपर 500 फाइनल का रुख किया।

मैच के बाद सेन ने कहा, “पहला गेम वास्तव में तेज था और योंग इसे जीतने के लिए अंत में कुछ करीबी अंक जीतने में सफल रहा। मैं अगले दो गेम्स में अपने गेम प्लान पर कायम रहा और उसने मेरे लिए अच्छा काम किया।”

फाइनल के बारे में सेन ने कहा, “अपने घर में अपना पहला सुपर 500 फाइनल खेलना एक अच्छा अहसास है। इस बार प्रशंसकों को स्टेडियम में आने की अनुमति नहीं है लेकिन स्टेडियम में कुछ लोग थे जो मेरा समर्थन कर रहे थे और यह अच्छा लगा।”

लोह और सेन के बीच रविवार को होने वाला फाइनल इस साल उनकी चौथी आपसी मुलाकात होगी। विश्व चैंपियन ने पहले तीन में से दो मैच जीते हैं। कुल मिलाकर दोनें का एक दूसरे खिलाफ रिकार्ड 2-2 का है।

लोह के खिलाफ फाइनल के बारे में बोलते हुए सेन ने कहा कि उन्हें एक अच्छे मैच का भरोसा है।

दिन के अन्य मैचों में पुरुष युगल की शीर्ष वरीयता प्राप्त जोड़ी हेंड्रा सेतियावान और मोहम्मद अहसान ने मलेशिया के ओंग यू सिन और टीओ ई यी को 21-15, 21-18 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया।

महिला युगल वर्ग में भारत की एकमात्र सेमीफाइनलिस्ट हरिता एमएच और आशना रॉय थाईलैंड की चौथी वरीयता प्राप्त बेन्यापा एम्सार्ड और नुंतकर्ण एम्सार्ड के खिलाफ 21-12, 21-9 से हार गईं।

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