एसीबी के पूर्व चीफ आईपीएस जीपी सिंह गुड़गांव में गिरफ्तार, आय से अधिक संपत्ति और राजद्रोह का दर्ज है केस
रायपुर। एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) और ईओडब्ल्यू के अभी चीफ रहे आईपीएस जीपी सिंह को एसीबी की टीम ने गुड़गांव में गिरफ्तार कर लिया है। जीपी सिंह करीब पांच महीने से फरार थे। उन्हें कोर्ट ने गिरफ्तारी से राहत दी थी, लेकिन रोक हटने के बाद एसीबी की टीम लगातार पंजाब, लुधियानी और दिल्ली में छापेमारी कर रही थी। इसके बाद एसीबी को जीपी सिंह के गुड़गांव में होने की पुख्ता खबर मिली थी, जिसके बाद 15 दिन से टीम डटी हुई थी। आखिरकार मंगलवार को उन्हें पकड़ने में टीम सफल रही। एक बंगले से गिरफ्तार कर रायपुर लाया गया है। बता दें कि पिछले साल एक जुलाई को जीपी सिंह के टैगोरनगर स्थित बंगले में एसीबी की टीम ने छापा मारा था। यहां मिले दस्तावेजों के आधार पर आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया था। साथ ही, राजद्रोह का केस दर्ज किया गया था।
ओडिशा, नोएडा, लुधियाना में प्रॉपर्टी के
दस्तावेज मिले, 79 इंश्योरेंस पॉलिसी
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद जीपी सिंह को कुछ समय के समय के लिए पुलिस मुख्यालय में बिना विभाग के रखा गया था। बाद में उन्हें एसीबी और ईओडब्ल्यू का चीफ बनाया गया था। हालांकि बाद में उनके खिलाफ मिली जानकारियाें के आधार पर उसी एसीबी-ईओडब्ल्यू की टीम ने छापा मारा था। इसमें छत्तीसगढ़ के साथ-साथ ओडिशा, नोएडा, लुधियाना में प्रापर्टी के दस्तावेज मिलने का दावा किया गया था। कई बैंकों में खाते और 79 इंश्योरेंस पॉलिसी के दस्तावेज मिलने की जानकारी दी गई थी। ओडिशा में एक खदान में पार्टनशिप के अलावा रायपुर के एक बड़े फार्म हाउस और शादी घर में पार्टनरशिप का भी दावा किया गया। इसके अलावा परिवार वालों के खातों की भी जांच की गई। इसमें पिता के खातों से चार करोड़ के लेन-देन की बातें सामने आई थी।