साल 2020 के दौरान निवेशकों की वित्तीय सेहत में जोरदार उतार-चढ़ाव देखने को मिला. वे अपने लिए निवेश के सही रणनीति की तलाश में जुटे रहे. इस बाबत ईटी वेल्थ ने एक्सपर्ट्स से संपर्क किया. जानिए बिटकॉइन पर क्या है उनकी राय:
लालच है बुरा
साल 2020 में बिटकॉइन ने 200 फीसदी की तेजी दिखाते हुए पहली दफा $23,000 का भाव हासिल किया. इस क्रिप्टोकरेंसी की सप्लाई सीमित है और इसका आंकलन सिर्फ ‘वर्चुअल’ माध्यम से ही किया जा सकता है. कुछ साल बाद इस करेंसी की संख्या को आधा कर दिया जाता है ..
इससे बिटकॉइन का सर्कुलेशन कम होता जाता है और इसका सीधा असर कीमतों में देखने को मिलता है. मई 2020 में बिटकॉइन की संख्या इस दफा तीसरी बार आधी गई, जिसकी वजह से बाजार में मौजूदा तेजी आई है.
इससे बिटकॉइन का सर्कुलेशन कम होता जाता है और इसका सीधा असर कीमतों में देखने को मिलता है. मई 2020 में बिटकॉइन की संख्या इस दफा तीसरी बार आधी गई, जिसकी वजह से बाजार में मौजूदा तेजी आई है.
अब क्रिप्टोकरेंसी तक आसान पहुंच देने वाले डिजिटल प्लेटफॉर्म के बाढ़ आ सकती है. साल 2017 के दौरान भी ऐसा ही देखने को मिला है. बिटकॉइन का बुलबुला फटने के बाद इनका सफाया हो या था. बिटकॉइन में निवेश काफी किफायती है. निवेशक 100 रुपये की छोटी राशि से निवेश कर सकते हैं. हालांकि, निवशकों को इसके जोखिम और खतरों के बारें भी समझना चाहिए. मौजूदा हालात में इसकी कोई नियामकीय संस्था या इकाई नहीं है. ऐसे यदि कोई निवेशक बिटकॉइन खरीदता है, तो इसकी कोई गारंटी नहीं है कि विक्रेता निवेशक को बिटकॉइन देगा. दूसरी तरफ, इस खरीद-फरोख्त को क्लीयर करने या सेटलमेंट करने की प्रणाली नहीं है. इस वजह एक्सचेंज सेटलमेंट का दावा नहीं कर सकता. सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2020 में कहा था कि बिटकॉइन गैर-कानूनी नहीं है, मगर अभी ऐसी कोई नियमावली नहीं है जो इस वैधता प्रदान करते हैं.
इक्विरियस कैपिटल के सीईओ, वेल्थ मैनेजमेंट, अंकुर माहेश्वरी ने कहा, “संस्थागत या नियामकीय ढांचे के अभाव के चलते इसके परिचालन में दिक्कतें आती हैं.” साथ ही बिटकॉइन से जुड़ी अस्थिरता भी काफी अधिक है.
दिसंबर 2017 में बिटकॉइन की कीमत $18.000 से लुढ़क कर सिर्फ $3,200 तक फिसल गई थी. इस गिरावट ने कई निवेशकों को झटके दिए. साइबर क्राइम की बढ़ती मात्रा क्रिप्टोकरेंसी के जोखिम को काफी अधिक बढ़ा देती हैं.