महिलाओं की भावनाओं से खिलवाड़ करना गंभीर अपराध, प्यार के जाल में फंसकर विधवा महिला करोड़ों के कर्ज में डूबी
रायपुर। महिलाओं को कमजोर न समझे, उनसे किसी भी तरह की धोखाधड़ी करना अपराध है। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने विभिन्न जिलों की महिलाओं द्वारा दिए गए आवेदनों की आयोग कक्ष में जन सुनवाई की। गुरुवार को प्रस्तुत प्रकरण में शारीरिक शोषण, मानसिक प्रताड़ना, दहेज प्रताड़ना, सम्पत्ति विवाद आदि से संबंधित थे। सुनवाई के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग व फिजीकल डिस्टेंसिंग एवं सैनिटाईजर का प्रयोग करते हुए कार्यवाही प्रारंभ की गई। एक मामले में आवेदक महिला ने आरोप लगाया कि उनकी भावनाओं से खिलवाड़ करके पूरी सम्पति संबंधित ने हड़प कर ली हैं। इसके चलते महिला के ऊपर लगभग एक करोड़ का कर्ज हो चुका हैं। आयोग के अध्यक्ष ने महिलाओ को इस बात के लिए सतर्क किया है कि प्यार के झूठे जाल में फंसकर अपनी आर्थिक स्वतंत्रतता को न खोएं। इसी तरह युवा अपनी संयम को बनाये रखे। समय की नजाकत को ध्यान में रखते हुए सावधानी से कार्य करें। एक अन्य प्रकरण में भरण-पोषण के लिए पति ने पत्नि को प्रतिमाह पचास हज़ार रुपए देने सहमत हुए। कुछ माह पश्चात बच्चों के नाम 40-50 लाख की कीमत वाली फ्लैट पति द्वारा खरीदी करने पर भी सहमत हुए। आयोग ने दम्पति को आगामी मई माह में सुनवाई के लिए समय दिया है। आयोग की समझाइश पर पिता अपने बच्चों से फोन पर बात करने के साथ-साथ सुविधानुसार मिल भी सकेंगे। इसी तरह एक अन्य प्रकरण में उन्होंने कहा कि पारिवारिक जीवन के सफल निर्वहन के लिए पति-पत्नी के बीच संबंधों में मधुरता हो। किसी प्रकार की अनबन होने पर पति का नैतिक दायित्व है कि पत्नि और बच्चों के सम्पूर्ण भरण पोषण के लिए ध्यान दे। इसी तरह वैधानिक तलाक के बिना दूसरी शादी करना अपराध है। आयोग के समक्ष झूठा बयान न करे,ऐसे झूठे बयान पर संजीदगी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस प्रकरण में अनावेदक ने आवेदिका के रहने के लिए मकान की व्यवस्था और बच्चों के स्कूल फीस की व्यवस्था की सहमति दी।