कोरियर बॉय बनकर टैक्सी ड्राइवर करता था ड्रग्स सप्लाई
रायपुर। राजधानी के साथ दुर्ग-भिलाई में ड्रग्स की तस्करी करते गिरफ्तार लखप्रीत कौर निरंकारी के मोबाइल की जांच के दौरान नागपुर के एक टैक्सी ड्राइवर का नंबर मिला हैं। दोनों के बीच ड्रग्स की सप्लाई को लेकर कई बार मैसेज में बातचीत हुई है। पुलिस की प्रारंभिक पड़ताल में पता चला है कि नागपुर का टैक्सी ड्राइवर पिछले दो साल से राज्य में ड्रग्स की सप्लाई कर रहा है। वह टैक्सी के आड़ में ड्रग्स लेकर आता था और बेचकर चले जाता था। ड्रग्स के संपर्क में रायपुर-भिलाई के कई लोग संपर्क में है। टैक्सी ड्राइवर ड्रग्स के बड़े तस्करों के लिए काम करता है। वह एक तरह से कोरियर बॉय है। तस्करों से पार्सल लेकर छोड़ता है। इसके लिए उसे मोटी रकम मिली है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ड्रग्स के रैकेट तोड़ने के लिए दो टीम काम कर रही है। एक टीम प्रशिक्षु आईपीएस के नेतृत्व में जांच में जुटी हुई है। दूसरी टीम साइबर सेल की है। दोनों टीम ड्रग्स के ड्रग्स को तलाश कर रही है। इसमें कुछ नाइजीरियन के नाम सामने आए है। साइबर की तकनीकी टीम उन्हें ट्रैस करने में लगी हुई है।
टैक्सी वाले करते हैं कोरियर का काम
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मुंबई और गोवा में ज्यादातर टैक्सी वाले ही ड्रग्स की सप्लाई का काम करते है। ड्रग्स के बड़े तस्कर और नाइजीरियन गिरोह के लोग सामने आकर कारोबार नहीं करते है। वे चैन सिस्टम में काम करते है। अधिकांश ऑटो और टैक्सी ड्राइवर उनके लिए सप्लाई का काम करते है। अगर किसी को ड्रग्स की जरूरत होती है तो वे टैक्सी वालों से संपर्क करते है। टैक्सी वाले जांच परख कर ही ड्रग्स देते है। प्रत्येक सप्लाई पर उन्हें मोटा कमीशन मिलता है।
न्यू ईयर पार्टी में पुलिस की रहेगी नजर
राजधानी में 31 दिसंबर की रात होने वाली न्यू ईयर पार्टी में पुलिस की नजर रहेगी। होटल, रेस्टोरेंट, बार और फार्महाउस की जांच के लिए साइबर सेल की आधा दर्जन स्पेशल टीम बनाई जा रही है। हर टीम का प्रभारी प्रशिक्षु आईपीएस को बनाया जा रहा है। यह टीम 25 दिसंबर से ही होटल, ढाबा, रेस्टोरेंट और बार की जांच शुरू कर देगी। कहीं भी देर रात तक पार्टी की अनुमति नहीं दी जाएगी। ढाबों में भी निर्धारित समय के बाद भोजन कराने पर कार्रवाई की जाएगी। बिना लाइसेंस कहीं भी शराब पिलाते मिले तो सीधे मालिक पर केस दर्ज किया जाएगा। ड्रग्स, गांजा से लेकर अन्य तरह के नशा करते पाए जाने पर संस्थानों को पहले सील किया जाएगा। उसके बाद कार्रवाई होगी।